Tuesday, April 27, 2010

सब धन बाइस पसेरी बाबा

गजल
तारानंद वियोगी

की जल्दी की देरी बाबा
सब धन बाइस पसेरी बाबा

राजा-नाम सु-राजा जानू
देसक नाम नशेडी बाबा

साधू चोर, गिरहकट नायक
चोरी, तुम्माफेरी बाबा

नेता छी ई, माया बुझियौ
नै तेरी, नै मेरी बाबा

थोक-भाव सं देखू सपना
टूटत बेरा-बेरी बाबा

1 comment:

Padm Singh said...

नेता छी ई, माया बुझियौ
नै तेरी, नै मेरी बाबा
.... बहुत सुंदर पंक्तियाँ