पुरान गीत
दस पाइ मे रामदीन के आलूकट, दू टाका मे लाइटहाउस के फ्रंट टिकट
एमएलएकेडमीक गेट पर मात्र चवन्नी मे भेट जाइत छल गणेशीक भूजा
पांच पाइ मे यादवजी के झोरा सं बहराइत छल पाचक
अइ महगी के जमाना मे स्वादक ई पुरान गीत तहिना अछि
जेना ऑल इंडिया रेडिया के उर्दू सर्विस दुफरिया मे गबैत अछि
मेरे पिया गये रंगून वहां से किया है टेलीफून तुम्हारी याद सताती है
मल्टीप्लेक्स
अंगना मे एकटा क'ल गाड़ल छल
करगर हाथ सं पानि अबैत छल
नेनपन मे क'लक कात मे ठाढ़ हम पिछड़ि जाइत रही कतेको बेर
लबकी काकी घोघक कोर सं मुस्किया दैत छलीह
कमनाहरि 'बउआ बउआ' क' क' दौगैत आबैत छल
कहैत छल - पिच्छड़ दिस किएक जाइत छैं
पचीस बरखक बाद एकटा मल्टीप्लेक्स मे तहिना पिछड़ि गेलहुं
लोकबेद लबकी काकी जकां ठिठियाए लागल
एकसरि ठाढ़ भेलहुं अपना बलें
समुच्चा पिच्छड़ छल
ततेक चिक्कन जे मुंह देखि सकी अइ मे
भरि जुआनी मे हमरा जीबा मे असोकर्ज होइ-ए
गैरमैथिल कनिया कहय छथि -
तुम बूढ़ों की तरह बातें मत किया करो!
Wednesday, August 20, 2008
Wednesday, March 12, 2008
रतिया दिन दुरगतिया हे भोला!
1850-60क बीच अंग्रेजी राजक स्थिति और मिथिलाक सामंत लोकनिक दुर्व्यवस्था कें लक्ष्य करैत कवीश्वर चंदा झा ई पद लिखलनि।
गैया जगतक मैया हे भोला
कटय कसैया हाथ
हाकिम भेल निरदैया हे भोला
कतय लगायब माथ
बरसा नहि भेल सरसा हे भोला
अरसा कए गेल मेह
रतिया दिन दुरगतिया हे भोला
जन तन जिवन संदेह
मुखिया बड़ बड़ सुखिया हे भोला
अन्नक दुखिया डोल
के सह कान कनखिया हे भोला
सुखिया बिरना टोल
विशेष विवरणक लेल मिथिला मे नवजागरण विषय पर तारानंद वियोगी क लिखल लेख देखी। देखबाक लेल तारानंद वियोगी सं 09431413125 पर संपर्क करी।
Subscribe to:
Posts (Atom)