Wednesday, August 20, 2008

दूटा छोटछीन कविता

पुरान गीत

दस पाइ मे रामदीन के आलूकट, दू टाका मे लाइटहाउस के फ्रंट टिकट
एमएलएकेडमीक गेट पर मात्र चवन्‍नी मे भेट जाइत छल गणेशीक भूजा
पांच पाइ मे यादवजी के झोरा सं बहराइत छल पाचक
अइ महगी के जमाना मे स्‍वादक ई पुरान गीत तहिना अछि
जेना ऑल इंडिया रेडिया के उर्दू सर्विस दुफरिया मे गबैत अछि
मेरे पिया गये रंगून वहां से किया है टेलीफून तुम्‍हारी याद सताती है

मल्‍टीप्‍लेक्‍स

अंगना मे एकटा क'ल गाड़ल छल
करगर हाथ सं पानि अबैत छल
नेनपन मे क'लक कात मे ठाढ़ हम पिछड़‍ि जाइत रही कतेको बेर
लबकी काकी घोघक कोर सं मुस्किया दैत छलीह
कमनाहरि 'बउआ बउआ' क' क' दौगैत आबैत छल
कहैत छल - पिच्‍छड़ दिस किएक जाइत छैं

पचीस बरखक बाद एकटा मल्‍टीप्‍लेक्‍स मे तहिना पिछड़‍ि गेलहुं
लोकबेद लबकी काकी जकां ठिठियाए लागल
एकसरि ठाढ़ भेलहुं अपना बलें
समुच्‍चा पिच्‍छड़ छल
ततेक चिक्‍कन जे मुंह देखि सकी अइ मे

भरि जुआनी मे हमरा जीबा मे असोकर्ज होइ-ए
गैरमैथिल कनिया कहय छथि -
तुम बूढ़ों की तरह बातें मत किया करो!

7 comments:

Gajendra said...

नीक अविनाशजी,

मुदा बड़-बड़ दिनपर अबैत छी।

গজেন্দ্র ঠাকুব

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा said...

तुम बूढ़ों की तरह बातें मत किया करो!

aachaa lagta hai............

NAGENDRA KR. JHA said...

गणेशीक भूजा hamahu khayne chhi,
ekhno chhathi o ki nahi pata nahi,

Unknown said...

bar nik

UMESH KUMAR MAHTO "VIYOGI" said...

bar nik bhai ji,

Umesh Kumar Mahto "Viyogi"

Sonu Mishra said...

Avinash jee bahut sundar yo, bad nik lagal,

Unknown said...

barh neek... man khush bha gel... muda klhisiayal chhee ki? barh din san kono nav nai aayal achhi. ahan hello mithilak lel seho likhi sakai chhee...


http://hellomithilaa.blogspot.com
Mithilaak Gap... Maithili Me...

hellomithilaa@gmail.com