कृष्णमोहन झा
आ से एहेन अहिबाती के हेती
जे बभनगामाबाली भौजीक सोहाग-भाग देखि जरि नइँ जेती
ओना मानलहुँ
जे हुनका
पोथी-पतराक दर्शन नइँ भेलनि
मानलहुँ जे पाबनि-तिहारे हुनका तेल-कूड भेटलनि
मानलहुँ जे चाभीक गुच्छा
ओ कहियो अपन आँचर मे नहि बान्हि सकलीह
ईहो मानलहुँ जे लाख कबुलाक बादो
आजीवन ओ दोसर पुत्र-रत्न प्राप्त नहि क' सकलीह
मुदा निस्संदेह
एक टा भरल-पुरल जीवन केँ छाँटैत-फटकैत
अपन 37 बरखक बयस मे ओ
38289 टा सोहारी पकेलीह
2173 डेकची भात पसेलीह
13000 बेर बर्तन-बासन माँजलीह
307 बेर आँगन निपलीह
47 टा साडी आ 92 टा ब्लाउज पहिरलीह
275 राति भूखल सुतलीह
हुनका 3 बेर भेटलनि संभोगक सुख आ 949 बेर भेलनि बलात्कार
बेटी जनमौलनि 4 टा आ 5 बेर
भेलनि गर्भपात
मुदा ई देखू सभ सँ मार्मिक बात
जे ठीक बरसातिक प्रात
जखन हुनक सीथ रहनि सिनूर सँ कहकह करैत
आ भरल रहनि लहठी सँ हाथ-
तखन अपन स्वामीक आगू
बिना अन्न-जल ग्रहण कयने ओ
भ' गेली विदा.
Tuesday, January 16, 2007
Wednesday, January 10, 2007
तकैत अछि चिड़ै
जीवकांत
रातिक अंतिम पहरमे
चिड़ै जगैत अछि
राजमार्ग पर घोदिआइत अछि
छोट-छोट जानवर सभक देह
टुटैत अछि गाड़ीक पड़िया तर
छोट-छोट घौदामे
तकैत अछि चिड़ै
आंगनमे बाँस पर बैसल अछि छिड़ै
कुड़िअबैत अछि अपन पाँखि लोलसँ
तकैत अछि चिड़ै
चार सभक दुनू कात
झीलक कछेरमे सिम्मरक गाछ पर
बैसल चिड़ै गबैत अछि गीत
तकैत अछि पानि दिस
झीलक पानि दिस
की सभ दहाइत छैक पानिमे
तकैत अछि चिड़ै
रातिक अंतिम पहरमे
चिड़ै जगैत अछि
राजमार्ग पर घोदिआइत अछि
छोट-छोट जानवर सभक देह
टुटैत अछि गाड़ीक पड़िया तर
छोट-छोट घौदामे
तकैत अछि चिड़ै
आंगनमे बाँस पर बैसल अछि छिड़ै
कुड़िअबैत अछि अपन पाँखि लोलसँ
तकैत अछि चिड़ै
चार सभक दुनू कात
झीलक कछेरमे सिम्मरक गाछ पर
बैसल चिड़ै गबैत अछि गीत
तकैत अछि पानि दिस
झीलक पानि दिस
की सभ दहाइत छैक पानिमे
तकैत अछि चिड़ै
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