मंडन मिश्र:मिथक आ यथार्थ
पच्चीस बरख सं लागल लगन आब अपन अन्तिम रूप लेब' जा रहल अछि. किछु मित्र कें बूझल हेतनि जे हम मंडन मिश्र पर चुपचाप बहुत दिन सं काज मे भीडल रही. दुखद छल ई देखब जे बारह सय बरख बीति गेल, मुदा हमरा लोकनि हुनक कोनो जीवनी नहि तैयार क' सकलहुं, कोनहु भाषा मे, जाहि मे मिथक आ यथार्थ कें ठीक-ठीक बिटियायल गेल हो. ई मैथिली पोथी, मैथिली अकादमी, पटना प्रकाशित क' रहल अछि. जल्दिये ई अहांक हाथ मे हएत....
पच्चीस बरख सं लागल लगन आब अपन अन्तिम रूप लेब' जा रहल अछि. किछु मित्र कें बूझल हेतनि जे हम मंडन मिश्र पर चुपचाप बहुत दिन सं काज मे भीडल रही. दुखद छल ई देखब जे बारह सय बरख बीति गेल, मुदा हमरा लोकनि हुनक कोनो जीवनी नहि तैयार क' सकलहुं, कोनहु भाषा मे, जाहि मे मिथक आ यथार्थ कें ठीक-ठीक बिटियायल गेल हो. ई मैथिली पोथी, मैथिली अकादमी, पटना प्रकाशित क' रहल अछि. जल्दिये ई अहांक हाथ मे हएत....